रविवार, 9 अक्तूबर 2011

रात होगी तो चांद भी दुवाई देगा,


रात होगी तो चांद भी दुवाई देगा,
खाबों मे तुम्हे वो चेहरा भी दिखाई देगा,
ये मुहोब्ब्त है जरा सोच के करना,
एक आंसू भी गिरा तो भी सुनाई देगा...


नजर से नजर मिलती है,
उसे जन्नत ना समजना,
नजर तो कोई भी मिलाता है,
उसे मुहोब्बत ना समजना.....


जलन सुरज से होती है,
पर तडपना धरती को पडता है,
प्यार आखों से होता है,
पर तडपना दिल को पडता है....


[redगा सकू आपका नगमा
वो साज कहा से लाऊ ?
सुना सकू आपको कुछ
वो अंदाज कहा से लाऊ ?
यु तो चांद तारों की तारीफ़ करना आसान है,
कर सकू आपकी तारीफ़ वो अल्फ़ाज कहा से लाऊ?......


हर फ़ूल खुषबूदार नही होता,
हर पत्थर चमकदार नही होता,
अरे मेरे दोस्तों दोस्ती देखकर करना,
हर दोस्त वफ़ादार नही होता........


कष्टी बहती है किनारे की तलाश मे,
लोग मिलते है प्यार की आस मे,
हम रोज नही मिलते आपसे मगर,,,
कुछ वक्त जरुर बिताते है आपकी याद मे.......


सभी नगमे साज मे गाए नही जाते,
पास रहकर भी याद नही जाते,
कुछसभी लोग मैफ़ील मे बुलाए नही जाते,
कुछ दूर रहकर भी भुलाए नही जाते-

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